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Wednesday 27 June 2012

इंक़लाब जिंदाबाद

"एक ज़रा सा सच बोला है और तो कोई बात नहीं ........"
सरकार को मेरे नौकरी करने,कविता पढने,पारिश्रमिक लेने और कविता-प्रेमियों द्वारा "यूथ-आइकन" काहे जाने पर भारी आपत्ति है ....!आज एक छिपे मोर्चे से वार किया है सरकार और उस के पालतू ने(जल्दी ही हमले का पूरा खुलासा करूँगा) ....देखते हैं .....ज्यादा करेंगे ये लोग तो नौकरी,कविता पढना,मानदेय लेना छोड़ देंगे.....जात के बामन है भैया ...माँग कर खा लेंगे ....पर ये लोग गलतफमी न पालें....आन्दोलन नहीं छोड़ेंगे ...बकौल पाश भैया ..."हम लड़ेंगे साथी ....!" लोकतंत्र के पिस्सुओ सावधान ... खून पीने का आप का खानदानी काम अब ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाला नहीं है ....आप लोग भी कोई और काम ढूंढ़ ही लीजीये ..अगर आता हो तो ! जय हिंद ! इंक़लाब जिंदाबाद !

 

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